*मुंबई : वरिष्ठ भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उप महापौर बाबूभाई भवानजी ने केंद्र और राज्यों से नदी जोड़ो अभियान को तेज करने की मांग की है। दादर में जल संरक्षण पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए भवानजी ने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना एक सिविल इंजीनियरिंग परियोजना है, जिसका उद्देश्य भारतीय नदियों को जलाशयों और नहरों के माध्यम से आपस में जोड़ना है. इससे किसानों को खेती के लिए मानसून पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और साथ ही बाढ़ या सूखे के समय पानी की अधिकता या कमी को दूर किया जा सकेगा.*
*उन्होंने कहा कि आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में जितना भी पानी उपलब्ध है उसका केवल चार फीसदी ही भारत के पास है और भारत की आबादी विश्व की कुल आबादी का लगभग 18 फीसदी है. परन्तु हर साल बड़े पैमाने पर मीठा पानी बह कर समुद्र में चला जाता है और भारत को केवल 4 फीसदी पानी से ही अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. हर योजना के दो पक्ष होते है परन्तु हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए की इसका लाभ कितना अधिकाधिक लोगों तक पहुंचेगा.*
*उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तेहत भारत की 60 नदियों को जोड़ा जाएगा जिसमें गंगा नदी भी शामिल हैं. उम्मीद है कि इस परियोजना की मदद से अनिश्चित मानसूनी बारिश पर किसानों की निर्भरता में कटौती आएगी और लाखों हेक्टेयर खेती की सिंचाई भी होगी. उन्होने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना पर काफी लंबे समय से विचार-विमर्श चल रहा है. भारत में जिन क्षेत्रों की नदियों में अधिक पानी है और जिनमें कम पानी है उनको जोड़ने का सुझाव काफी समय से हो रहा है.*
*भवानजी ने कहा कि नदी जोड़ने के अभियान से सूखे तथा बाढ़ की समस्या से राहत मिल सकती है क्योंकि जरूरत पड़ने पर बाढ़ वाली नदी बेसिन का पानी सूखे वाले नदी बेसिन को दिया जा सकता है. गंगा और ब्रह्मपुत्र क्षेत्र में हर साल आने वाली बाढ़ से निजात मिल सकती है. सिंचाई करने वाली भूमि भी तकरीबन 15 फीसदी तक बढ़ जाएगी. 15000 किलोमीटर नहरों का और 10000 किलोमीटर नौवहन का विकास होगा. जिससे परिवहन लागत में कमी आएगी. बड़े पैमाने पर दो नो बाजू मे वनीकरण होगा और तकरीबन 3000 टूरिस्ट स्पॉट बनेंगे. लोगो को रोजगार मिलेगा, पानी का स्तर बड़ेगा इस परियोजना से पीने के पानी की समस्या दूर होगी और आर्थिक रूप से भी समृद्धि आएगी.अब तो भारत सरकार ने इस कार्य के लिए काम शुरू करना चहिए,*